एक कुत्ते की वेदना
भौं भौं भौं भौं...
अबे काहे नेताओं की तरह भौंक रहे हो बे,
देखो नेता कह कर हमारी नस्ल मत बदनाम करो
हम कोई चुनाव में नहीं खड़े हो रहे जो तुम इंसानों की तरह जो भी मन में आए अनाप-शनाप बक देंगे।
फिर सुबह-सुबह काहे इतना बौरा रहे हो बे?
हमारी एक मांग है
क्या?
हमें भी चड्डी पहनी है।
हें?? अबे तुम्हें ससुर काहै जरूरत पड़ गई चड्डी पहनने की?
ये अंदर की बात है, बस हमें पहननी है।
अबे तुम्हारे चड्डी पहनने से कौन सा देश का विकास हो जाएगा, चरमराती अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाएगी या कौन से अच्छे दिन आ जाएंगे बे?
देखो भाई राष्ट्रवादी बंदे, हमसे राजनीति की बातें मत करो
हमें कुत्ता समुदाय को चड्डी चाहिए बस, हमारी भी कोई इज्जत है
यूं नंगा घूमना आज से बंद।
करदी ना जाली डिग्री वाली बात, अबे बेटा तुम्हें चड्डी पहन कर बहुत असुविधा होगी
क्या हर खंबे हर बाइक हर रेहढ़ी पर टांग उठाने से पहले चड्डी उतारते फिरोगे?
और फिर सुन बेटा मैं भी चड्डी नहीं पहनता,
कोई भी काम करने में सुविधा तो रहती ही है, ताज़ी हवा लगती है
साथ में ही कोई "आज़म ए हिंद" मेरी चड्डी का रंग भी इमेजिन नहीं कर सकता।
देखो बॉस "आज़म ए हिन्द" की बात तो रहने दो
रुमाली दार पजामें में चड्डी की जरूरत ही कहां होती है
सामान वैसे ही सेट रहता है।
अब हमें चड्डी दे दो वरना, आज से चौकीदारी बंद
फिर "नाचो, बड़े आराम से
अबे धमका क्यों रहे हो... अब तो आजकल हर एक चौकीदार है
अब तुम्हारी जरूरत नहीं रह गई,
देशद्रोही डॉगी कहीं के
देखो अगर हमारी बातों के समर्थन में वोट नहीं दोगे तो कल हमसे भी किसी काम की उम्मीद लेकर मत आना ।
और अगर हमें चड्डी नहीं थी तो ऐसा श्राप देंगे कि पाकिस्तान का वीजा लगवाते फिरोगे ।
अरे डॉगी बॉस तुम चड्डी मांग रहे हो या डरा रहे हो
देखो हम इंसान जानवरों और नारी की बहुत सुरक्षा करते हैं भाई
जरा निरहुआ की भोजपुरी फिल्में और गाने देखो बे
नारी का कितना सम्मान करता है बबुआ।
हां हां देखा है तुम इंसान घूंघट और बुरक़े में कैद करके बहुत सम्मान करते हो नारी का ।
और आजकल चुनाव समय में नारी सम्मान तो कुंलाचे भर रहा है तुम्हारा ।
बस करो मित्रों , तुमने मेरी आंखें खोल दीं मैं हार गया
अब बताओ किस रंग की चड्डी पहनेगा तुम्हारा कुत्ता समुदाय ।
देख भाई ज़बानदराज़ गिरगिट इंसान ,,
हम ना तो किसी संध से हैं
ना किसी लीग से
और ना किसी दल से
ना हम अपने कंधे पर बजरंगबली या अली को लेकर चलते हैं
इसलिए हमें ना तो खाकी चड्डी चाहिए ना हरी और ना ही भगवा
हमें तो शांति की चड्डी पहना दो सफेद वाली ।
अबे शांति की चड्डी पहनोगे तो शांति क्या पहनेगी ?
भौं भौ ,, अबे ये चुटकुले पुराने हुए , सुधर जा इंसान ।
ओके मोटा भाई।।
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