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जन्नत का दरवाजा

 


आ भई जन्नत जन्नत जन्नत...
क्यों भाई कितना लोगे जन्नत चलने का?
भाई यह तो सवारी अल्लाह की तरफ से बिल्कुल फ्री है यह देखो बुर्राक़ बिल्कुल तैयार खड़ा है जन्नत ले जाने के लिये।

और जो दोज़ख़ जाते हैं वह कैसे जाएंगे??
अबे उनको तो फरिश्ते टांग पकड़ कर घसीटते हुए ले जाते हैं
अब बताओ तुम्हें कहां जाना है मरने के बाद?
लेकिन भाई मैं तो अभी जिंदा हूं

अबे तो पहले मर कर आ इधर, चल यहां से,

आ भाई जन्नत जन्नत
अरे मुल्लाजी थोड़ा आगे होकर बैठें, अभी दो सवारी की जगह है इसमें
बड़ी बी पीछे गिरी जा रही है कहीं पूछं पर बैठ गई तो बुर्राक़ का बैलेंस बिगड़ जाएगा , पिछली बार एक मौलवी साहब पूछं पर लटक गए थे तो बीच रास्ते में बुर्राक़ डिसबैलेंस होकर गिर गया था
चलो आगे बढ़ो आगे बढ़ो...

अरे भाई क्या स्वर्ग भी चलोगे? जय श्री राम
कौन बोला?
मैं लाल कृष्ण

अरे आडवाणी जी यहां क्या कर रहे हो स्वर्ग के लिए अगले चौराहे से पुष्पक विमान मिलेगा, सीधे चले जाओ

अरे मुझे बूढ़े को कहां पैदल चलवाओगे?
क्यों इतनी रथ यात्राएं करके नहीं थके, अब जरा सा नहीं चला जा रहा
और देखो मियां हमारे बुर्राक का रूट अलग है स्वर्ग की तरफ से नहीं जाता वरना तुम्हें रास्ते में ड्रॉप कर देता
और फिर स्वर्ग के रास्ते पर टोल टैक्स भी लगता है।

अरे ओ बुर्राक़ के ड्राईवर, थ्री व्हीलर की तरह इसमें और कितनी सवारियां भरेगा? अब चलेगा भी
बेचारे बुराक का तो कुछ सोच

अरे चाचा बुर्राक की छोड़ो दिन में 100 चक्कर लगाता है जन्नत के
साले दंगे फसाद, बम धमाकों, दुआओं ,ताबीज गंडों पर यकीन करके तुम मरने वालों की तादात बढ़ती ही जा रही है
लेकिन तुम्हें जन्नत ले जाने में मजाल है जो बुर्राक थक जाये।
चलो भाई चलो टाइम हो गया।
अरे ओ काज़ी जी बुर्राक़ के बाल मत पकड़ो, बीच रास्ते में पटक देगा
इसे अपना हेयर स्टाइल बहुत पसंद है।

अरे ड्राइवर साहब यह बुर्राक़ मेल है या फीमेल?
देखो ख़ां अल्लाह की चीजों पर सवाल नहीं करते , और यह कोई तुम्हारी बारात नहीं निकल रही जो घोड़ी या घोड़ा देख रहे हो... चुपचाप बैठे रहो
अरे मोहतरमा हाथ बाहर मत निकालो,
अरे बेटा मुझे विंडो सीट में बैठा मुझे उल्टी आती है।

अरे शेख साहब बड़ी बी को खिड़की वाली सीट दे दो नहीं तो रास्ते पर गंद करेंगी।
अरे बेटा जरा पत्थर गड्ढों से बचाकर चला झटके लग रहे हैं
अरे खाला जान खामोश बैठें अब क्या बुर्राक़ लीद भी ना करें पूछ उठाकर।

लो भाई लो जन्नत आ गई उतरो सब उतरो
अरे किधर है जन्नत??
अरे मुल्लाजी वो लाइन नहीं दिख रही , जन्नत का दरवाजा है । चलो एंट्री के लिए लाइन में लग जाओ।

लाहौल विला कूवत , जन्नत में जाने के लिए भी लाइन में लगना पड़ेगा।
अबे गेट पर पहले तुम्हारा करैक्टर सर्टिफिकेट बनेगा
वह क्या होता है
अरे तुम्हारे आमाल (कर्म) चेक करे जाएंगे पहले
अरे ओ जुम्मन ले लाइन में लगा इन सबको, अगले चक्कर के लिए फिर जमीन पर जाना है ।
अभी बुर्राक़ का तेल पानी भी चेक करना है।

अब यह जुम्मन कौन है?

हम जन्नत के गेटकीपर हैं, चलो लाइन में लगो और अपना अपना आधार कार्ड हाथ में ले लो
यहां भी आधार कार्ड चलेगा ?
बिल्कुल चलेगा अबे शिनाख्त भी तो जरूरी है
चलो चलो लाइन सीधी रखो , हजरत जिब्राइल आ गए अब तुम्हारे आमालों को देख कर जन्नत के सेक्शन तय करेंगे।
अबे ओ जुम्मन ई शोर क्यों हो रहा है ,लाइन सीधी क्यों नहीं है ? क्या तुझे इसीलिए फरिश्ता बनाया है।
जी जिब्राइल बॉस अभी मैनेज करता हूं
भाई यह सेक्शन कैसे होते हैं जन्नत में, जुम्मन अंकल

देख भैया अगर पांच वक्त की नमाज के साथ अच्छे आमाल भी किये हैं तो नॉर्मल जन्नत मिलेगी
और अगर हज भी कर के आये हो तो ए प्लस जन्नत मिलेगी
और अगर मजहब के लिए कुर्बानी, जिहाद, दंगे, ह्युमन बॉम, सोशल मीडिया पर गालियां यह सभी किया है तो स्पेशल जन्नत।
और उसी प्रकार से सुविधाएं भी मिलेंगी।

और अगर इसमें से कुछ भी ना किया हो तो?

अबे तो फिर कैसी जन्नत ? फिर बराबर वाली गली से दूसरे गेट पर भेजा जाएगा।
दूसरे गेट पर क्यों?
अबे वो दोज़ख़ का गेट है।

हर हर मोदी घर घर मोदी " योगी जी की जय हो
अरे कौन हो तुम लोग यह जाफरानी झंडे लेकर कहां घुसे आ रहे हो जन्नत में।
जय श्री राम
अच्छा अच्छा तुम्हें स्वर्ग जाना है , तो यहां से सीधा लो
टी प्वाइंट से राइट होकर अगले कट से यू टर्न ले लेना तुम्हारा स्वर्ग वहीं पर है
गेट पर यमराज का भैंसा खड़ा दिखाई दे जाएगा ।
अबे सुन बे ओए अब यह जन्नत नहीं है
हमारे योगी जी ने इस जन्नत का नाम बदलकर ब्रह्मपुरी कर दिया है
हम मंदिर यहीं बनाएंगे

लाहौल विला कूवत , क्या बक रहे हो खून की नदियां बह जाएंगी , अगर हमारी जन्नत की तरफ किसी ने आंख उठाकर भी देखा।

अल्लाह हू अकबर
जय श्रीराम
अल्लाह हू अकबर
जय श्री राम...

अबे औ जुम्मन लाइन के पीछे कैसा शोर है?
अरे जिब्राइल बॉस यह ग़ैर मज़हब वाले जन्नत पर अपना हक़ जमाने आ गए हैं जरा अल्लाह तआला को फोन लगाइएगा, वह ब्रह्मा जी से बात करें कि ये क्या हिमाक़त है इन लोगों की।

अबे ओ संतरों तुम यहां सब कैसे आ गए रे
मैं तुम्हें स्वर्ग के गेट पर ढूंढ रहा हूं
यमराज से पूछा तो उसने कहा अभी तो मैंने सबको यही उतारा था।

अरे आइए आइए नारद मुनि कैसे हो?
नारायण नारायण
सब ठीक है जिब्राइल ब्रो तुम सुनाओ| ।
नारद भाई जरा इन्हें यहां से ले जाइए यह भटके हुए इंसान हैं
यह नहीं जानते कि यह क्या कर रहे हैं इनके दिमाग में राजनीति ने गोबर भर दिया है ।

सही कह रहे हो जिब्राइल ब्रो , अभी लेकर जाता हूं सब सालों को नर्क में डालूंगा
चलो संतरो चलो ,, नारायण नारायण

चल बे जुम्मन तू लाइन सीधी करवा
यस जिब्राइल बॉस ।

Written by Nadeem Hindustani

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