सियासी मुशायरा 2
संचालक: और अब आ रही हैं त्याग और बलिदान की जीती जागती मैडम तुषाद की स्टैच्यू 😁... हजरात, आपसे गुजारिश है कि शब्दों पे न जाइयेगा और भावना को ढूंढ-ढूंढ कर पकड़ियेगा 😉। आइये सोनिया जी।
सोनिया: आदाब 😌... मुझे
सायरी आती तो नहीं, पर आजकल करने को कुछ है नहीं तो इसी में
टाईमपास करते हैं।
संचालक: जी-जी, हम 45-50 की पीड़ा समझ सकते हैं 😝... आप अर्ज
कीजिये।
सोनिया: मैं अपनी बात चांद शब्दों में खतम
खरना चाहूंगी... थोरा गोर कीजियेगा...
इब्ने बटाटा... इब्ने बटाटा
हकूना मटाटा... हकूना मटाटा
सस्ता हो गया डाटा
मंहगा हो गया आटा 😱
इलाज का वादा कर के
रोग है मोदी जी तुमने बाटा 😭
और आखिर में कहना चाहूंगी...
हाय मोदी तेरे राज में
गरीब को पड़ गया चांटा 😍
संचालक: वाह-वाह मम्मी जी 💪... बहुत
खूब... छील दिये एकदम।
(महिला के सम्मान में... सारे सांसद उतर आये
मैदान में। कोई अंडा टमाटर न चला और न चली चप्पल और देवी जी जा बिराजी अपने आसन
पर।)
संचालक: और अब आयेंगी, बहनों की बहन, सुपर बहन... बहन मायावती 😛, जिनकी आवाज
में जादू है 😜... बहन जी गा के सुनायेंगी 😉।
मायावती: का हय कमीने 😠... सबसे
पढ़वा रहा है और मैं गा के सुनाऊं रे दलित विरोधी😡।
संचालक: अच्छा चलिये, सिपारा पढ़ दीजिये बहन जी😅। पर्ची तो लायी होंगी न😘।
(बहन जी पर्ची दिखाती आगे सरक आती हैं और
पीछे खुसुर फुसुर शुरू हो जाती है कि भला बहन जी ने एग्जाम कैसे दिया होगा। बहन जी
पलट कर घूरती हैं तो सबकी उंगलियां राजनाथ की तरफ उठ जाती हैं।)
राजनाथ: मैं इस बात की भी कड़ी निंदा करता
हूँ बहन जी😳
मायावती: अरे चुप कर निंदा रावण😠।
संचालक: टेम न वेस्ट कीजिये बहन जी, वर्ना माईक रूठ जाता है और पर्ची जोर से पकड़ियेगा... हवा चल रही है☺
मायावती: अब तुझे भी मेरी निंदा चाहिये
क्या रे😠।
सज्जनों... देख रहे हैं मनुवादियों को, बहन कह कर
भी छेड़ने से बाज नहीं आते। खैर... मैं चार लाईन की अपनी शायरी पेश कर रही हूँ,
सुन लीजिये...
गद्दार चौधरी, गद्दार मौर्या, गद्दार निकला नसीमुद्दीन
गद्दार चौधरी, गद्दार मौर्या, गद्दार निकला नसीमुद्दीन
और सब छोड़ भगे जब गेंडे ने बजायी बीन
चुनाव में मुसलमानों ने हमें गोली दी तो
दी
मेरे अपने दलित भाई भी हो गये ससु मीन
हारी हूं, बैठी नहीं
हूं, कसम हाथी की
पा लूंगी आस्मां, पा लूंगी अपनी खोई हुई जमीन
("वाह-वाह" आगे
पीछे से फिर हुई, पर अंडे टमाटरों ने फिर महिला का सम्मान
किया।)
मायावती: एक और पढ़ूं?
(संचालक ने पास चलते फर्राटा का रुख उनकी तरफ
कर दिया और पर्ची ससुरी उड़ गयी।)
संचालक: अब पढ़िये ☺
मायावती: आने दे मेरी सरकार को... तेरी
बैक पे मुल्तानी मिट्टी डलवा के वहां पुदीना उगवाऊंगी😠
संचालक: तो लीजिये हाजरीन... अब पेश है
दुनिया का सबसे घातक हथियार-- निंदास्त्र बनाने वाले राजनाथ सिंह जी, जो सिर्फ अपनी निंदा से पाकिस्तान की नाक में दम करते आये हैं, अब आपके बम में दम करेंगे... आइये टीनपुरुष निंदानाथ जी।
राजनाथ: टीन पुरुष 😱
संचालक: लौहपुरुष तो वृद्धाश्रम में
मार्गदर्शन कर रहे हैं, वहीं जाना हो तो कहिये, वो पदवी दे दें 😎
राजनाथ: नहीं नहीं रहने दीजिये😨। टीन
पुरुष ही ठीक है। तो बहनों भाइयों... सीमा पर सैनिक शहीद हो रहे हैं😢, कुछ बोलने
का मन तो नहीं पर अब जब बुलाया गया है तो...
संचालक: बुलाया गया है😱
राजनाथ: गंगा मय्या ने बुलाया है 😁
संचालक: हाऊ रूड 😳... साहेब के
जूते में पांव न डालिये, वो सिर्फ मोदी जी को बुलाती हैं,
नमामि गंगे का हिसाब लेने। कुछ शेर बकरी लाये हों तो परोसिये...
अंडे टमाटर बेचैन हो रहे हैं।
राजनाथ: जी। जरूर... जरूर। तो गौर फरमाइये
हजरात...
बेजा इल्जाम है कि हम देश को शर्मिंदा
करते हैं
बेजा इल्जाम है कि हम देश को शर्मिंदा
करते हैं
हम तो बस साधारण, कड़ी, कठोर निंदा करते हैं
भुला दी वामपंथी इतिहासकारों ने जिनकी
वीरता
हम उन संघी जायके वाले नायकों को जिंदा
करते हैं😁
("वाह-वाह" की
जबर छौंक के साथ अंडे, टमाटर, जूतों का
बघार हुआ... संगमरमरी चांद को रुमाल से बचाने की कोशिश में वापस ठाकुर साब अपने
आसन पर जा लुढ़के।)
😂😂😂
क्रमशः
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