हीमैन वर्सेस वाइल्ड
मोटा भाई , मैन वर्सेस वाइल्ड प्रोग्राम में आपका स्वागत है।
आपको यहां आकर कैसा लग रहा है?
अरे ग्रिल भाई, यहां आकर मुझे अपनापन सा लग रहा है। मुझे अपने बचपन की याद आ गई, मैं बचपन में बहुत छोटा था, दोस्तों के साथ गिल्ली डंडा खेलते हुए इन्हीं घने जंगलों में आ जाता था।यहां के सब जानवर मेरे दोस्त बन गए थे, जब टुल मारने पर मेरी गिल्ली खो जाती थी, तो हमारे पूर्वज ही उसे ढूंढने में मेरी मदद करते थे।
अरे वाह भाई ,आप की बात मैं समझा नहीं?
अरे ग्रिल भाई, में बंदरों की बात कर रहा हूं।
आप तो बचपन से ही बड़े साहसी थे।
देखिए साहब का क्या है आप सब को डराते जाओ, वो मेरा मतलब था समझाते जाओ तो वह आपको साहस देते जाएंगे। मैं बचपन से ही इन बंदरों की मन की बात समझता हूं और यह मेरे मन की बात सुनते हैं।
वह तो आज भी सुन रहे हैं।
का बोले ??????
वह मेरा मतलब देखिए न... सब आज भी सुन रहे हैं , कैसे सब आप को घेर कर बैठे हैं।
वह क्या है मैंने बचपन से ही इन्हें अच्छे दिन देने का वादा किया था। वह दिन और आज का दिन जंगल में चारों तरफ अच्छे दिन की हरियाली छाई हुई है, अब यहां सब खुश और खुशहाल है। अब यहां का जीवन शहर और बस्तियों जैसा हो गया है। कोई भ्रष्टाचार नहीं... मजाल है जो कोई जानवर जंगल बैंक का पैसा लेकर दूसरे जंगल भाग जाये। मजाल है कोई लंगूर किसी की रोटी छीन कर खा जाये। एक दूसरे जानवर का मान सम्मान तो हमारे देश के जंगलों में इतना है कि जानवर जाति का भेदभाव भी नहीं करते। मजाल है खच्चर को कोई गधा प्रजाति का बोल दे।
फिर तो सर जी, आप के जंगल में नारी सशक्तिकरण का भी बोलबाला होगा?
देखो ग्रिल भाई, नारी शक्ति का तो आप इसी बात से अंदाजा लगा लो कि हमारे जंगल की शेरनी भी एक महिला है। हमारे जंगल की महिलाएं सुरक्षित है कि रात को 12 बजे भी लोमड़ी और बंदरिया या हिरनिंया वगैरा पूरा मेकअप कर के लिपस्टिक लगा कर सज धज के कहीं भी घूम सकती हैं।
मजाल है जो कोई लफंगा बंदर, लंगुर या गीदड़ उन्हें छेड़ भी दे।
अरे वाह साहब क्या उदाहरण है,, लीजिए कुछ कीड़े खाएंगे? ये आपको प्रोटीन देंगे, आप थक गये होंगे।
अरे नहीं ग्रिल भाई मैं तो शाकाहारी बंदा रहा हूं, मैं तो जंगल की वनस्पति खाता हूं। बचपन में जब दोस्तों के साथ जंगल में भटक जाता था तो शरीर की भूख मिटाने और ताकत के लिये मैं कैक्टस के पत्ते खाता था।
भाई मैंने सुना है आपके जंगल में बहुत से गीदड़ एक अकेले जानवर को घेर कर मार देते हैं!
नहीं नहीं ग्रिल भाई, ऐसा बिल्कुल नहीं है। कुछ बुद्धिजीवी जानवर इस जंगल का दुनिया में गलत प्रोपगंडा करना चाहते हैं। हालांकि बुद्धिजीवियों से ज्यादा जानवरों के साइन की गई चिट्ठी भी जंगल की संसद में आई है और फिर जंगल की सरकार ने इस माॉबलिंचिगं को रोकने के लिए एक ग्रुप बनाया है, जिसका संचालन करने के लिए जंगल के सबसे शरीफ, उदार हृदय, कोमल और जीव प्रेमी तेंदुए को बनाया गया है ।
सच है साहब इतने एडवेंचर तो मैंने अपनी पूरी जिंदगी में नहीं देखे जो आपके इस जंगल में देख लिये।
बस यूं कहो कि जंगलराज ख़ूब फल फूल रहा है आपका।
बस ग्रिल भाई, यह तो आप मित्रों का आशीर्वाद है, वरना मैं तो मोगली बच्चा हूं चड्डी पहन कर इन्हीं जंगलों में चला जाऊंगा एक दिन।
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