Header Ads

अर्थी

 


राम नाम सत्य है...
जोरदार ध्वनि के साथ डेड बॉडी को उठाया गया।

अरे भाई कौन भगवान को प्यारा हो गया?
भगवान को प्यारा ?
अरे यह मरने के बाद ही इंसान भगवान को क्यों प्यारा होता है ?
जीते जी भगवान प्यार नहीं कर सकता इंसान को

वह क्या है कि मरने के बाद भगवान की तरफ से प्यारा लगने के रूप में सहानुभूति राशि प्राप्त होती है

अरे छोड़ो यह बताओ कौन था?
अरे यार अपने मोहल्ले के गंगाशरण जी थे।

क्या वह तो भले चंगे थे कल ही मैंने देखा था कुत्तों को दौड़ा-दौड़ाकर पत्थर मार रहे थे।
हार्ट अटैक हुआ था भैया... अभी तो 60 साल के भी नहीं हुए थे
सच कहते हैं जिंदगी का कोई भरोसा नहीं .

सुना है बीवी उससे बहुत छोटी थी, अब क्या होगा उसका अभी तक जवान दिखती है... कैसे जिंदगी गुजारेगी बेचारी?

चलो कुछ देर तक अर्थी के साथ चलते हैं यह ससुरी धूप भी आज बहुत तेज है।
सुना है लड़की भी सयानी हो गई है?

सयानी...?? अरे काण्ड करती फिरती है, पिछले दिनों शर्मा जी के लौंडे के साथ आंख मटक्का करते पकड़ी गई थी।

अरे हम पीछे रह गए जरा तेज़ चलो
ये अर्थी को भी इतना तेज़ क्यों ले जा रहे हैं कमबख़्त।

अरे यार अर्थी है कोई बारात थोड़े ही ह, जो टहलते हुए ले जाएंगे
चलो आगे जाकर कंधा दे दें

अरे नहीं यार अर्थी को छूकर फिर नहाना पड़ेगा।
अभी तो नहाया था पानी वैसे भी आज नहीं आया

सुनो कुछ पैसा वैसा भी छोड़कर मरा है या नहीं?

हां भाई सरकारी नौकरी थी वहां से पैसा मिलेगा और सुना है LIC भी करा रखी थी।

अरे वाह भाई फिर तो बीवी बच्चों के मजे हैं।

वैसे तो गंगाशहर फुकरा सा धूमता था
लोगों का उधार रखता था।
हां भाई आए दिन कर्ज़दार घर पर खड़े रहते थे
लेकिन कर्जा लेने आते थे या बीवी को देखने, ही ही ही

हां भाई आते थे बहुत तड़तड़ाते हुए और वापस बड़ी शांति से जाते थे।
अरे हमें क्या लेना किसी के घर के पचड़ों से।

वह टीवी मैकेनिक का आना-जाना कुछ ज्यादा ही रहता था... ही ही ही
लगता है tv रोज खराब हो जाता था
पर छोड़ो हमें ही किसी की पर्सनल जिंदगी से क्या लेना

अरे जरा तेज चलो जिंदा पैरों से,
देखो गंगाशरण मुर्दा पैरों से भी कितना तेज़ जा रहा है।

और यह स्मार्ट सा आदमी कौन है अर्थी के साथ-साथ चल रहा है?
अबे यार यह गंगाशहर के ऑफिस का बॉस है
अरे वही जिसकी ऑडी कार अक्सर घर के बाहर खड़ी रहती थी
चलो हमें क्या घर जैसे रिश्ते होंगे।

वैसे था तो गंगाशरण भला मानस , सब के साथ प्यार से रहता था।
पर भाई वह क्या कहानी है ? सुना था एक बार पड़ोसन ने चप्पलों से पीटा था।

वो वो... अरे यार मेरी चप्पल को भी अभी टूटना था
चल यार अपने चाल धीमी करते हैं, पीछे से निकल जाएंगे।
वैसे भी बहुत दूर तक आ गए।
ठीक है भाई खिसक लो मुझे भी ऑफिस जाना है।

भगवान गंगाशरण की आत्मा को शांति दे
अच्छा भाई राम राम....

Written by Nadeem Hindustani 

No comments