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बार्बर शॉप

 



बार्बर शॉप पर जाओ तो शायद ही कभी सीट खाली मिलती हो।
आज ही वही हुआ जब नाई की दुकान पर पहुंचा कोई सीट खाली नहीं थी
नाई ने देख कर खींसे निपोरते हुए हुए कहा बैठिए भाई जान।
नाई की दुकान पर इंतजार बड़ा अखरता है , जब खुद कटिंग, शेव, मसाज वगैरह कुछ भी करवाते रहो कितना भी टाइम लगे पता ही नहीं चलता
लेकिन जब दूसरा कोई करवा रहा हो और इंतजार करने बैठो तो एक-एक पल एक-एक युग लगता है।

नाई भी टाइमपास की सुविधा के लिए मैगजीन और अखबार टेबल पर फैलाए रखता है।

आज भी मैंने पूछा कितना टाइम लगेगा?
बस भाई जान इन भाई के बाद आपका ही नंबर है।

मैं अनचाहे मन से एक पत्रिका के पन्ने पलटने लगा
कुर्सी पर विराजमान बंदे की कटिंग चल रही थी ,
कटिंग करवाने वाला साथ साथ नाई को हिदायत भी देता जा रहा था
थोड़े इधर से अभी भारी हैं, थोड़ा इधर से हल्के करो, ये कलम ऐसे करो कान के ऊपर जरा बारीक कर देना।

अबे साले दूल्हा बनने जा रहा है क्या मन में मैंने कुढ़ते हुए सोचा।



जैसे तैसे कटिंग पूरी हुई, मैं अपने नंबर के लिए जैसे उठने लगा, नाई ने उस बंदे के सीने पर तौलिया बिछा दी
मैं समझ गया ओह अभी शेविंग भी होगी।

नाई जैसे ही शेविंग क्रीम लगाने लगा वह बोला- अरे भाई फॉम लगा फॉम,

कमीने गोबर लगा दूं? दुखी मन पर चित्कार कर उठा था
नाई ने अपने टीवी पर ग्राहकों के मन बहलाने के लिए कॉमेडी पिक्चर लगा रखी थी।
लेकिन वह पिक्चर मुझे साहब के भाषण से कम नहीं लग रही थी।

बस इंतजार और इंतजार
उधर शेविंग खत्म हो चुकी थी,

भाई इधर बाल रह गए हैं उल्टा ब्लेड लगा दे
जी भाई, नाई बोला
भाई क्रीम रहने दे, बस लोशन चुपेड़ दे।
भाई जरा मूंछ भी बना दे
भाई ज्यादा हल्की न करिए मूंछें
बस खड़े बाल हटा दे ।

अबे तेरे कहां कहां खड़ा बाल है सब हटवाले
थका सा मन फिर बोल उठा।

उरे भाई यह कान के दो चार बाल भी उखाड़ दे

अब कमीने लेट जा सब जगह के उखड़वाले...
अब मुझे लगा मेरे कहीं के बाल जलने लगे थे

अब वह कुर्सी मुझे राजनीति की कुर्सी लगने लगी थी और खुद को अपोजिशन समझ रहा था।

तभी आवाज आई, उरे भाई वह ठंडे वाला तेल है जरा हेड मसाज कर दे।
उधर नाई नवरत्न तेल डाल रहा था, और मेरे सर में ऐसा लग रहा था जैसे कोई तेजाब डाल रहा है।
उधर सर में नाई की उंगलियां मसाज कर रही थीं
और इधर मेरे सीने में सांसे किसी घोंकनी की तरह चल रही थीं ।
मैंने अपना नीचे वाला होंठ फैलाकर कई बार नाई की तरफ देखा था, लेकिन उस बंदे ने एक बार भी मेरी तरफ नहीं देखा
उसके लिए जो सीट पर बैठा है वहीं उसका माई बाप है

उरे भाई वह बिजली से चलने वाली मशीन से मसाज कर
जी भाई साहब नाई बोला था ,,,,
मशीन भी अच्छी क्वालिटी की थी कमबख्त ने करंट भी नहीं मारा ।
अब हेड मसाज खत्म हो चुकी थी
मैंने राहत की सांस ली ही थी कि नाई बोल उठा-
भाई साहब फैसियल भी कर दूं ,
यह सुनकर मेरे दिमाग का फेशियल हो चुका था,
कटिंग सेव करने के बाद यह डायलॉग नाई को जरूर बोलना होता है।
लेकिन यहां मेरी कुछ किस्मत अच्छी थी , उस बंदे ने फेशियल को मना कर दिया और मेरी सांस में सांस आई।

अब मैं नाई की कुर्सी पर बैठे हुए ऐसा महसूस कर रहा था
जैसे मैंने सत्ता हासिल कर ली हो।

Written by Nadeem Hindustani 

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