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कोरोना काल की पढ़ाई

 


बेटे भूतनी के

जी माट साब

बेटे ये बताओ क्या हालचाल है

माट साब एक तो डेटा में चला रए इंटरनेट बाप के रद्दी मोबाइल में, उसकी स्क्रीन टूटी है, तुमाओ मुँह एकदम बैंगन जैसा दिख रहा है, हम हँसी रोक रए जैसे तैसे ऑनलाइन कक्षा का डेकोरम मेंटेन करने, लेकिन ऐसे फ़िज़ूल सवाल करोगे तो हो सकता है हम अपनी पर आ जाएं तो प्लीज़ डोंट माइंड

बेटे भूतनी के, क्लास ज़रूर ऑनलाइन है, पर फटके तुमको घर आकर चिपका देंगे तो थोड़ा ढंग में ही रहना, अच्छा हम जे कह रए के कोरोना में तुम्हारे क्या हाल है

माट साब हाल का तो ऐसो है के अंतरराष्ट्रीय साज़िशों के इस दौर में बड़ा मुश्किल है कह पाना के कोरोना कब खत्म होगा, बबलू एज़होल चीफ सस्ते हरिहरन का कहना है के साल के अंत तक हो जाएगा, पर किस साल के अंत तक ये उसे भी नही पता

मुझे लगता है सबको होगा कोरोना खाली ये इथोपियन त्रिवेदी ही बचेगा

काढ़े पर काढ़े सूत रहे हैं, हल्दी की फसल बो दी है पेट में घर वालों ने, काली मिर्च के बागान लहलहा रहे हैं शरीर में, लेकिन वैक्सीन इनसे नही बन पा रही

एक हॉगवर्ट् का एलबस डंबलडोर था एक ये हार्डवर्क का अलबेला दामोदर है जो अब चुनाव में बिज़ी है दाढ़ी बढ़ा कर,कोरोना पर अब कोई बात नही करता, जनता गले को बचा रही है मास्क से, मुँह खुला है..

अरे अरे बेटे मेरा मल्लब था छात्र रूप में क्या हाल हैं तुमाए


काए के छात्र रह गए इस साल, एबीसीडी अलिफ लैला सब भुला गए हैं, ऑनलाइन के नाम पर ज़ूम क्लास हो रहीं पर उसमें भी 20 मिनिट तो चेहरे तलाशने में निकल जाते, बाकी के टेम कभी मास्टर को आवाज़ नही आती कभी इश्टुडेन्ट को, ऊपर से ठीक ओरल परिच्छा के समय हमाई अम्मा को याद आता है रसोड़े में कुकर से सीटी मरवाई जाए बेनिफिट मिल सकता है

तो मिलता है बेनिफिट?

हओ मिलता है न, मास्टर की गाली सुनाई नही देती, कुल मिला कर रसोड़े लगे हुए हैं जहाँ चने कुकर में और शांति जीवन में नदारद है, हर पल बस किसी साज़िश की बू आती रहती है इस्लामिक मुल्कों से,

अबे क्या अनाप शनाप बक रिया है बे

माट साब सही बोल रिया हूँ, ग़ालिबन हाल कुछ इस कदर है मिरे मयखाने का, दारू चखने से पहले चखना खत्म हो जाता है

हैं?? बावला हो गया है क्या,अच्छा जंगल में मोर नाचा किसने देखा का अर्थ बताओ

सब अफवाह है मोर कहीं नही नाच रिया, मोर ने 8000 करोड़ का हवाई जहाज लिया हुआ है वो उड़ने की फिराक में है, नाच तो उसके भगत रहे हैं, और उनको सब देख भी रहे लेकिन बोलने का फायदा नही क्योंकि यू नो व्हाई

नो आई डोंट नो, टेल मी व्हाइ?

बिकॉज़ फौज स्टैंडिंग ऑन सीमा, तुमाओ हमाओ नही है बीमा, फोकट सींघ न घुसेड़ो किसी मा, साज़िशों के दौर में कोई कहीं से भी आकर घुसा देगा धरती मा

क्या बकवास है

अब जो भी है तुमाओ मुँह देख कर ही जी सा मचलाने लगता है बकवास करने, अच्छा और कुछ है या जाएं, तुम तो फोकट हो माट साब, हमको जमाने भर के काम रहते हैं, अभी फ्रिज में से पानी निकाल कर वापस टंकी में डालना है

हैं? फिर बकलोली? पानी भर के फ्रिज में रखना है ये बोल

नही, वो तो गर्मी की जॉब थी, अब ठंड में नया काम अलॉट हुआ है फ्रिज की बोतल खाली करने का, चलो जा रहे, दुआओं में याद रखना 😞

Written by Aseem Tiwari

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