एंटी रोमियो स्क्वाड
जनाब..
..हाँ बोलो राम किशन
जनाब ये लौंडे को धर लायें जनाब
कौन है यो
जनाब स्कूल के बाहर पकड़ा इसको छोरी संग
क्यों बे लड़की छेड़ रहा था
सर कहानी थोड़ी लंबी है आप चाय मंगा लो आराम से बताता हूँ
बारात में आया है ना तू साले ..थाना तेरे बाप का है? कुर्सी पर बैठा तो पुट्ठे तोड़ दूँगा लट्ठ मार मार
वो तो सर राम किशन भाई मौका ए वारदात पर ही तोड़ दिये थे..अब तो माई हिप्स ऑल्सो डोंट लाइ
क्या कर रहा था बे.. तू स्कूल के आगे छोरी संग
सर हुआ कुछ यूँ कि.. बिजली कड़क रही थी..आँखे फड़क रही थी..दिल धड़क रहा था..साँसे अटक रही थी…..!! कि तभी हमसे सुमन की मम्मी ने कहा चिंटू एक बात सुनो
तेरी बीवी तुझे चिंटू बुलाती है??
नहीं मेरी बीवी तो मुझे गधा बुलाती है, ये तो सुमन की मम्मी ने हमें नाम से बुलाया हमारे
सुमन की मम्मी कौन है
जी वो सुमन के पापा की मिसिज हैं
अबे तो तेरी क्या लगती है सुसरे
मेरी तो भाभी लगती हैं पड़ोस की
तो सीधा बोल ना पड़ोसन है..तो क्या बोली तेरे से सुमन की माँ
जी वो बोलीं की भैया चिंटू..सुमन को स्कूल छोड़ आओगे, इसका आज पेपर है..हमने कहा छोड़ देंगे उसमे क्या है
तो वो लड़की सुमन थी जिसके साथ तू धरा गया स्कूल के आगे
नहीं वो लड़की किरण थी
अब ये किरण कौन है
किरण एक लड़की है
देख ऐसा है..तू घणे फुर्सत में लग रहा मेरेको..दिमाग की माँ बहन करे मत..सीधा सीधा जो पूछ रहा हूँ वो बता दे..यहाँ ये इतने केस पड़े हैं लूट मार हत्या डकैती के..टाइम पास ना कर
सर वही तो बता रहा हूँ,किरण एक लड़की ही है चाहो तो उससे पूछ लो..
क्यों थी वो तेरे साथ
हाँ ऐसा पूछिये ना,अब जैसा सवाल करेंगे वैसा ही तो जवाब देंगे ना..तो सर हुआ यूँ.. बिजली कड़क रही थी..आँखे फड़क रही थी..
अबे ये तो हो गया ना, शुरू से काहे बकैती करने लगा, किरण कौन और कैसे आई तेरे साथ ये बता
सर ऐसा बीच में मत टोका कीजिये, मैं भूल जाता हूँ..खैर किरण एक लड़की थी जो हमारे घर पर झंडू वाशिंग पाउडर बेचने आई थी और वो हमको डेमो दे ही रही थी कि सुमन की मम्मी ने हमें बुला लिया था
तो??
तो हुआ यूँ कि हम वापस आये किरण के पास और उससे कहा, देखिये हमको तो अभी अर्जेंट जाना है सुमन को स्कूल छोड़ने..तो वो बोली चलिये हम भी साथ चलते हैं.. हमने कहा ऐसा कर लो..तो सुमन किरण और हम निकले स्कूल की तरफ
फिर??
फिर कुछ नहीं स्कूल पहुँचे ही थे कि भैया राम किशन ने कस के लात दी हमको
राम किशन क्यों पकड़ लाये इस गधे को..ये रोमियों वाला केस नहीं है
सर ये सीटी मार रहा था स्कूल के आगे बिना कपड़ो में
क्यों बे सीटी काहे मार रहा था नंगा होकर
सर हुआ यूँ कि बिजली कड़क..
सीधा मुद्दे पर आ कमीने
जी,तो हुआ यूँ कि किरण ने कहा अर्जेंट काम हो गया हो तो डिटर्जेंट समझ लो हमारा अब
हमने कहा हाँ अब तो हम फ्री हैं सुमन चली गई स्कूल के अंदर..अब बताओ झंडू पाउडर की खूबी
तो उसने अइसा मतलब सड़क किनारे एक भैया जी बैठे खाद बना रहे थे, उनका मग्घा पानी का उधार लिया और उसमे हमारी शर्ट पाउडर डाल के भिगो दी
बीच सड़क में??
हाँ
तू पागल है क्या बे?
नहीं सर पर कुछ लोग कहते हैं मेरा दिमाग खराब है
उफ़्फ़.. तो सीटी क्यों मार रहा था भूतनी के
हमसे किरण ने कहा कि 20 मिनट तक शर्ट भिगो के रखेंगे और जब निकालेंगे, देखियेगा एकदम साफ हो जायेगी.. हमने कहा ठीक है पर 20 मिनट पता कैसे चलेगा कि हो गये.. हमने तो घड़ी पहनी नहीं है..किरण बोली घड़ी तो हमारे पास भी नहीं..फिर हम दोनों ने सड़क पर बैठे खाद बना रहे भैया जी से पूछा वो बोले मेरे पास घड़ी,शर्म और अब तो पानी का मग्घा भी नहीं है ..अब क्या करे हम तीनों परेशान
तीनो??
हाँ अबतक वो भैया जी को भी इंटरेस्ट आ गया था हम दोनों की बातों में और वैसे भी धोने का पानी हम लोगो ने उनका यूज़ कर लिया था तो उनके पास चॉइस भी नहीं थी
हे भगवान.. सीटी..सीटी…क्यों बजा रहा था कुत्ते उस पर कब आयेगा??😰😨
जी सर तो अब क्या करें क्या करें कैसे पता करें 20 मिनट का..यही सोच ही रहे थे कि उतने में हमको याद आया कि हमारी बीवी हमसे दाल बनवाती है तो वो ठीक 20 मिनट में बन जाती है
तो??? दाल से सीटी का क्या मतलब??
मतलब है सर, असल में हमारा कुकर जो है वो गूंगा है उसका इलाज काफी कराया पर ठीक हुआ नहीं, तो हम 50 तक गिन कर एक सीटी मुँहे से बजा देते हैं और ऐसे पता चलता है कि 5 मिनट हो गया इसी तरह हर 5 मिनट बाद एक सीटी हम बजाते हैं तो 4 सीटी बाद दाल बन जाती है..तो वही हम सीटी मार रहे थे..अभी दूसरी ही सीटी मारी थी कि राम किशन भैया ने लात जड़ दी और यहाँ पकड़ लाये
क्या है बे ये..हैं???? नहीं ये क्या है…क्यों है ये ?? ये खुल्ला कैसे घूम रहा है शहर में???? बाप रे दिमाग की नसें अकड़ गई सारी
सर हम तो पहले ही कहे थे चाय मंगा लीजिये
भाग साले यहाँ से..इसको मारतें हुए घर छोड़ के आओ उफ़ और सर दर्द की 5 गोली डाल के चाय पिला एक राम किशन
जी जनाब,चल बे कहाँ है तेरा घर
वो हुआ यूँ भैया राम किशन कि बिजली कड़क रही थी..आँखे फड़क रही थीं..दिल धड़क रहा था..साँसे अटक रहीं थीं
लेके जाआआआआआआआआ इसकोओओओओ
Written by Aseem Tiwari
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