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बड़ी सोच

 


अरे खां साहब, सलाम किधर से आ रहे हो ??

वालैकुम अस सलाम,अलविदा पढ़ के

सुभान अल्लाह और लड़का टिंकू कहाँ है ?

वो भी जुमा पढ़ के आ रहा है पीछे पीछे

अरे मतलब पढ़ाई वढ़ाई कहाँ कर रहा है

पढ़ा दिया 8 वी पास है अब टेलरिंग सीख रहा है

अरे यार अभी से काम मे डाल दिया

हुनर दे रहा हूँ भाई... पढ़ाई लिखाई में क्या रखा है

बड़े सपने देखो मियां, कुछ बड़ा सोचो

बड़े का तो बन्द कर दिया योगी जी ने

अरे यार गोश्त बिरयानी नल्ली निहारी के अलावा भी कुछ सोचा करो

क्या रखा है इस दुनिया मे तुम आख़िरत के बारे में सोचा करो..

भाई सिर्फ आख़िरात की सोचोगे तो दुनिया मे इस्लाम की छवि कौन गड़ेगा ??

क्यों ?? हम रोज़ा नमाज़ हज ज़कात सब तो करते हैं ईमान के पक्के हैं हम

सिर्फ ईमान के पक्के होने से क्या होगा ??

जन्नतुल फिरदौस में जाएंगे भाई

चलो माना हमारे इन मज़हबी ज़िम्मेदारियाँ पूरी करने से हमे जन्नत नसीब हो गयी... लेकिन सारी उम्र हम बस यही करते रहे तो अपने पीछे आधुनिक दुनिया में इस्लाम के योगदान के नाम पर क्या छोड़ जाएंगे ??

यार तुम्हे तो उंगली उठाने का बहाना चाहिए.. हमारी फुफ्फो की लड़की ने बी ए नही पास किया ?

खां साहब बी ए, एम ए के अलावा दुनिया मे पढ़ाई के और भी काफी ऊंचे ऊंचे नए आयाम हैं रोबोटिक्स, क्वांटम फ़िज़िक्स, नैनो टेक्नॉलोजी, इन में हमारे कितने मुस्लिम बच्चों के नाम चमक रहे हैं ??

भाई जे भी पढ़ाई के नाम है ?? हमे लगा अँगरेज़ी मूवी गिना रहे हो

इसीलिए कह रहा हूँ हुनर ज़रूरी हैं लेकिन बच्चों की उच्चतम शिक्षा का भी बंदोबस्त करो

कहाँ से करें भाई ?? सरकार मदद नही करती, पैसा हमारे पास है नहीं

शौक रोको अपने और ज़रूरत पड़े तो ज़रूरते भी रोको भूखे रहो भीख मांग लो लेकिन बच्चे ज़रूर पढ़ाओ अपने.. क्योंकि तुम्हारे अच्छे दिन इसी से आने हैं..


Written by Afraz Khan


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