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छोले फाईनल

छोले फाईनल


सुनो सुनो सुनो.. रामगढ़ के वासियों
, आज शाम गब्बर भय्या की तरफ से आपके अपने गाँव में हेलन आंटी का शो रखवाया गया है और साथ ही एक एक गुटखे की व्यवस्था की गयी है, जिसे खा कर आपको पूरा गाँव भगवा कर देना है.. तो तैयार हो जाइये।

महबूबा महबूबा महबूबा महबूबा ऊऊऊऊ..

यार जय.. यह फटीचर के पास इतना नावां आया किधर से, जो यूँ चुनाव प्रचार पे लुटा रहा है।

इसी से पूछते हैं वीरू.. क्या गब्बर भाई, छोले लूट कर पेट भरने तक तो समझ में आता है पर यह डांस शो, यह गुटखा..

सबसे कांटेक्ट किये हैं बे चिरकुटों.. पेमेंट जीतने के बाद ही होगी।

ओह.. देख लो यार गब्बर भाई, कुछ हमारी भी सेटिंग कर लो, वोट भले नहीं है पर आदमी काम के हैं।

ठीक है.. लेकिन पगार जीतने के बाद ही मिलेगी, वह भी बस दुई सौ। ऊपरी कमाई कर पाओ तो कर लो।

ठीक है गब्बर भाई.. डन।

धांय.. धांय.. धूम.. धड़ाम..

भागो भागो.. डाकू आ गये।

अबे हम तो यही हैं तो यह कौन से डाकू आ गये.. अबे यह लूला ठाकुर डाकू के रूप में.. वह भी इतने गुस्से में 😳

गब्बर.. मैं तेरा खून पी जाऊंगा 😠

ठीक है मच्छर.. सीरिंज ले के आ, कितने बोटल पियेगा ठाकुर।

मैं बहुत गुस्से में हूँ 😡

हाँ हाँ दिख रहा है, तभी कुर्ता उल्टा पहन के किरांति करने चल पड़े.. घोड़े पे कुर्सी चढ़ा के बैठता है कोई भला।

बिना हाथों के ऐसे ही बैठा जा सकता है।

लेकिन इतने गुस्से में क्यों हो ठाकुर, कि मेरे बिकाऊ आदमियों को साथ ले कर अपने ही गांव में डाका डालने आ गये।

तुमने रामलाल को बहकाया गब्बर.. वह मेरी बहू को ले कर भाग गया है।

क्या बात कर रहे ठाकुर साहब.. सेटिंग तो मुझसे चल रही थी और भाग उस आधे ठाकुर के साथ गयी 😳

तुम्हारे बस का कुछ नहीं था जय.. बहू के भागने का मुझे कोई गम नहीं, लेकिन रामलाल का नुकसान मैं नहीं उठा सकता। तुम सोच भी नहीं सकते कि जब धुलाने वाला कोई न हो तो घास में रगड़ कर पोंछना कितना तकलीफ देता है।

ओह.. तो ई बात है। यह दोनों मुस्टंडे जो जेल से लाये थे, किस दिन काम आयेंगे..

नहीं ऽऽऽ.. हमने चूड़ियां तोड़ ली ठाकुर साहब। अब हम गब्बर के एंपलाई हैं।

खबरदार जो कोई अपनी जगह से हिला तो भून कर रख दिया जायेगा।

अरे बसंती.. फूलन देवी के गेटअप में।

यही हमारा असली रूप है काम्रेड वीरू.. लाल सलाम।

ओ तेरी.. यह तो किरांतिकारी निकली.. लोल सलाम भाभी।

यूके लाल को लोल किया न तो तुम्हारे सब आइटम गोल कर देंगे। हाँ नई तो.. गब्बर, राजनीति में पर्सनल दुश्मनी भुलानी पड़ती है। तुम्हें ठाकुर के साथ गोल मेज सम्मेलन करना होगा।

अब गोल मेज इते कहां रखी.. कालिया तू लेट जा, तेरे बम से ज्यादा गोल चीज और क्या होगी। आओ ठाकुर.. वार्ता करते हैं।

मेरा सुहाग उजड़ गया.. मेरा रामलाल 😭😭

रो मत पगले.. यह ले अपने हाथ, आज सोच के ही आया था कि तेरे हाथों की घरवापसी करा दूंगा। देख ले.. एक भी चूड़ी मरी नहीं है।

छी.. जिन हाथों ने तुम्हारे कोलतार के कद्दू जैसे बम को धोया हो वह.. आकथू।

मजाक था बे.. अभी वह जमाना आने में टाईम है जब कमोड में हाथ फिट हो सकें। थोड़ा काम तो लिये हैं तुम्हारे हाथ से पर बतायेंगे नहीं।

लेकिन तुमने मेरे परिवार की सभी आईडी डिएक्टिवेट कराई.. उनका हिसाब कौन देगा।

भक बोड़ी के.. मैंने किसी को नहीं मारा, वह साले सब खुद ही आ के बोले थे कि डिरेक्टर ने कहा है कि मरना है तो हम मार दिये.. पूछ लो काम्रेड बसंती से।

यूके यह ठीक कह रहा है काम्रेड.. लाल सलाम।
Written by Ashfaq Ahmad

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