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डिजिटल महाभारत 4

डिज़िटल महाभारत 4


क्या बात है संजय.. यह तुम मुझे कहां ले आये हो
??

महाराज.. कुरुक्षेत्र में मैच की पूरी तैयारी हो चुकी है और हमारे आईटी सेल ने लाईव प्रसारण के लिये यह कंट्रोल रूम बनाया है। पूरे कुरुक्षेत्र को सीसीटीवी से कवर किया गया है, जिसे यहां हम इन स्क्रीन्स पर देख सकते हैं। इसके सिवा सभी पार्टिसिपेंट की सोशल एक्टिविटीज भी हम यहां से देख सकते हैं।

क्या मैं भी देख सकता हूँ संजय..

हां क्यों नहीं 😁.. कल्पना की आंखों से देखिये।

कल्पना.. लेकिन कल्पना मुझे अपनी आंखें क्यों देगी भला!

😖 अरे योर हाइनेस.. अपने मन की शक्ति से देखिये।

ओके ओके.. तो क्या हो रहा है ग्राउंड जीरो पर।

दोनों सेनायें अपने अपने मोर्चों पर डट चुकी हैं.. सेना की कैप्टेंसी दुर्योधन ने पितामह को दी है। कर्ण मुंह फुला के पेड़ के पीछे जा छिपा है कैप्टेंसी न मिलने के विरोध में। आपके सभी पुत्र लाठियां ले के सेना की सुरक्षा में पद्दी करने को तैयार हैं। सामने सभी पांडुपुत्रों ने अपने अपने मोर्चे पकड़ लिये हैं.. वासुदेव अर्जुन के साथ तैयार कुछ चिटचैट कर रहे हैं.. आइये, डायरेक्ट ग्राउंड जीरो से इनकी कनवर्सेशन सुनते हैं.. कैमरामैन घंटेलाल के साथ मैं संजय चौरसिया.. आज तक।

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क्या बात है माधव.. आप किसका वेट कर रहे हैं?

स्क्रिप्ट नहीं पढ़े क्या पार्थ.. मुझे यहां पे उपदेश देने हैं जिसपे पूरी एक स्क्रिप्ट लिखी जानी है।

तो दीजिये.. आयम रेडी फार दैट।

समझे नहीं पार्थ.. न तो यहां कोई टाईप राईटर ले के खड़ा है, न रिकार्ड करने के लिये कोई पत्रकार ही है। मलब कलियुग में नासपीटे नास्तिक सवाल न उठायेंगे कि मैंने बोला और तुमने सुना.. तो तीसरा यहां कौन था जिसने सब सुन के लिखा?

नो प्राब्लम माधव.. आप उवाचिये, मैं व्हाट्सएप कर देता हूं वेद व्यास जी को। आगे वे देख लेंगे।

ओके.. तो लिखो.. आईडी अमर है, अजर है.. न उसे पानी डुबा सकता है, न आग जला सकती है.. कोई भी रीजन दिखा कर डिएक्टिवेट करो लेकिन दस साल बाद भी खोलोगे तो कमबखत मारी खुल जायेगी। तुम क्या ले कर फेसबुक पर आये थे, तुम क्या लेकर फेसबुक से जाओगे.. यह लाईक्स कमेंट्स सब मोहमाया है पार्थ.. यही छूट जाना है। सुबह का पापी अगर शाम को भाजपा में आ जाये तो उसे पापी नहीं राष्ट्रवादी कहते हैं। पत्नी अगर पत्नी हो कर भी तुम्हें लौकी टिंडे न खिलाये तो वह देवी है.. उसकी पूजा करनी चाहिये। यदि शत्रु चाइना की तरह शक्तिशाली है तो चीनी लड़ियों झालरों का बहिष्कार करके उसकी कमर तोड़ देनी चाहिये। यदि वर्तमान में कोई समस्या तुम्हारे सामने आये तो उसका दोषारोपण नेहरू पर..

क्या हुआ माधव.. रुक क्यों गये?

तनिक रुको यार.. यह कौन टिंडे की तरह लुढ़कता पुढ़कता चला आ रहा है। ओ हलो.. इधर.. आपय कौन?

दद्दा नमन.. माईसेल्फ बर्बरिक।

बर्बरिक वल्गरिस.. पथरी गलाने वाले होम्योपैथिक आइटम 😳

नो दद्दा.. नाट एट ऑल। सन ऑफ श्री घटोत्कच, ग्रैंडसन ऑफ भीमसेन गदा वाले।

ओके.. किन्तु इधर कैसे पधारे?

मैच में हिस्सा लेने आये हैं हमहूं.. दद्दा देखो, हम साइंस के स्टूडेंट ठहरे, तो हमने यह डिवाईस बनाई है। इससे एक ठो तीर चलेगा तो सबको चिन्हित कर देगा और फिर दूसरे से सबको छेद देगा.. पूरा मैच एक बार में खतम।

अच्छा.. तनिक ट्रायल दिखाओ।

ई लो दद्दा.. यह पीपल के जितने पत्ते देख रहे हैं, सब टार्गेट कर लिये हैं और यह देखिये सबको छेदे दे रहे हैं.. दद्दा एक पत्ता आपके पांव के नीचे है, पांव हटा लीजिये, वर्ना लंगड़ा त्यागी के रूप में अच्छे न लगेंगे।

यार आदमी तो तुम बड़े डेंजर हो.. और खेलोगे किसकी तरफ से? कुछ सोचे हो?

हां दद्दा.. माम को वचन दिये थे कि कमजोर की तरफ से खेलेंगे।

तब तो बनबै न करी.. पूछो कैसे.. तुम जिसकी तरफ खड़े हो गये, दूसरी तरफ वाला तो ऑटोमेटिक कमजोर हो जायेगा तो तुमको उधर जाना पड़ेगा और उधर गये तो इधर वाला कमजोर हो जायेगा.. फिर?

उड़ी बाबा.. ई पैराडाक्स है क्या?

हां जी.. हल करो।

😕😳

पार्थ.. तुम तनिक भाट्सप पर ग्यारह लोगों को भेजने वाला मैसेज बनाओ.. हम इनकी समस्या हल करके आते हैं।

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हमें बताओ संजय कपूर.. क्या किया वासुदेव ने ऐसे वीर योद्धा का।

पता नहीं कौन सी पट्टी पढ़ाई या शायद मन की बात सुना दी है कि छोटे उस्ताद ने स्वंय अपना शीश काट के अर्पण कर दिया है और केशव ने शीश को पास की पहाड़ी पे ऐसा टिका दिया है कि अपनी इच्छानुसार वे महाभारत का मैच अंतिम बाल तक देख सकें।

उफ यह वासुदेव.. यह दुश्मन है हमारे पुत्रों का 😣.. डिबिलियर्स जैसा बल्लेबाज हमसे छीन लिया। क्या मैच शुरू हुआ..

अभी कहां महाराज.. अभी तो ग्राउंड में विज्ञापन ही चल रहे हैं। ओ तेरी.. यह लोग कौन हैं?

क्या बात है संजय.. क्या कोई चमत्कार हुआ है।

घनघोर चमत्कार.. चारों दिशाओं से चार अलग सेनायें चली आ रही हैं। पूर्व की ओर से खाकी हाफपैंट पहने लाठीधारियों की फौज है जिसका अगुआ एक सफेद दाढ़ी वाला है और 'मित्रों' का उदघोष कर रहा है। पश्चिम से एक अंग्रेज युवक की सेना चली आ रही है जिसकी सेना में शामिल सभी सैनिक अलग अलग दिशाओं में देख रहे हैं और युवक कह रहा है कि मैं बोलूंगा तो भूकम्प आ जायेगा.. शायद भूकम्प ला कर मैच कैंसिल करना चाहता है।

यह क्या हो रहा है 😖😖

दक्षिण से लाल टोपी वाली सेना साइकिल चलाती हुई प्रवेश कर रही है और सेना में शामिल युवा 'जवानी तेरे नाम कुर्बान' के नारे लगा रहे हैं और उत्तर से एक ब्लू आर्मी 'जय भीम' का उदघोष करती प्रविष्ट हो रही है। इस सेना का नेतृत्व एक हाथी पे सवार महिला कर रही है।

यह जय भीम कौन हैं संजय.. क्या मार्केट में कोई नये भगवान आये हैं 😳

अरे नहीं योर हाइनेस.. एक महापुरुष हैं जिन्होंने शूद्रों में चेतना जाग्रत की, संविधान लिखा और इन्हीं की वजह से वंचितों को अधिकार मिले और उनकी सुरक्षा के लिये एससी एसटी एक्ट बना। यह वही हैं जिन्होंने एकलव्य अंगूठा केस में गुरू द्रोण को ऐसा फंसाया था कि पंचालराज ध्रूपद से हासिल आधा राज्य वे कोर्ट कचेहरी में हार गये और अब दिहाड़ी पर हमारी तरफ से खेल रहे हैं।

😳😳😳
Written by Ashfaq Ahmad

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